क्यों बेअसर हो रही है मलेरिया की दवाएं ! | maleriya news
क्यों बेअसर हो रही है मलेरिया की दवाएं !
दक्षिण पूर्वी एशिया के इलाको में मलेरिया से लड़ने के लिए इस्तेमाल होने दवाईयाँ बेअसर हो रही है इसका मतलब यह है की इन दवाईयॉं का भी असर मलेरिया पर नहीं हो रहा है |
लाओस से लेकर कम्बोडिया, थाईलैंड और वियतनाम में सबसे ज्यादा मरीजो को मलेरिया में दी जाने वाली दवाईयां असर नही कर पा रही थी कम्बोडिया में इन दवाईयों का बेअसर के मामले बहुत ज्यादा आ रहे है |
अगर दक्षिण एशिया देश भारत की बात करे तो साल 2017 में आयी वर्ल्ड मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में मलेरिया के मामले 24 फीसदी कमी आ गयी है दुनिया भर के 11 देशों में कुल मलेरिया मरीजो के 70 फीसदी मामले पाए जाते है और इन देशों में भारत का नाम भी शामिल है |
भारत में 2018 में मलेरिया बीमारी के मामलो में 24 फीसदी कमी आयी है | और इसके साथ ही भारत अब मलेरिया के मामले में टॉप तीन देशों में से एक है | अब भी भारत की कुल आबादी के 94 फीसदी लोगों पर मलेरिया का खतरा बना हुआ है |
भारत ने साल 2027 तक मलेरिया मुक्त होने और साल 2030 तक इस बीमारी को ख़तम करने का लक्ष्य रखा है |
कम्बोडिया में इन दो दवाईयों का हो रहा है मलेरिया पर इस्तेमाल :-
आर्टेमिसिनिन और पिपोराक्विन | इन दवाईयों का इस्तेमाल कम्बोडिया में सन 2008 से हो रहा है |
लेकिन साल 2013 में पहला ऐसा मामला आया था जिसमे इन दवाईयों का असर मलेरिया जैसी बीमारी में नही हो रहा था
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